बीना राय 13 जुलाई । अभिनय से दी फिल्मों को नई पहचान Bina Rai

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  • एक परिचय
  • फिल्मों में कैरीयर
  • पुरस्कार
  • एक परिचय

    पचास के दशक की प्रसिद्ध फिल्म अभिनेत्री जिन्होंने अपने अभिनय से फिल्मों को एक नई दिशा दी। फिल्म काली घटा से अपने कैरीयर शुरू करने वाले वाली बीना राय ने पति के साथ मिलकर 'शगुफा', 'गोलकुण्डा का कैदी और 'समुन्दर' बनाई जो उन्होंने अपने पति के साथ मिलकर बनी कम्पनी में पति प्राण के साथ मिलकर विवाह के उपरांत पी०एन० फिल्म्स के बैनर तले निर्मित की थी।

    फिल्मों में कैरीयर

    बीना राय ने काली घटा' से अपने अपना फिल्मी सफर शुरू करने के बाद फिर पीछे मुड़कर नही देखा। बिना रॉय का जन्म 13 जुलाई 1932 को लखनऊ में हुआ था। उनके पिता रेलवे में अधिकारी थे। उस समय की प्रसिद्ध अभिनेत्री खुर्शीद की वो बड़ी फेन रही इसके अतिरिक्त उस समय की अन्य बेहतरीन अभिनेत्री जैसे माला सिन्हा, आशा पारेख, मीना कुमारी वैजयन्ती माला, वहीदा रहमान आदि के समान हिन्दी फिल्मों में अपना एक अलग मुकाम बनाया।

    पुरस्कार

    अपने फिल्मी कैरीयर में उन्होंने मात्र 28 फिल्मों में ही काम किया फिल्म काली घटा के लिए उन्हें सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का फिल्मफेयर अवार्ड मिला और बड़ी ही शालीनता के साथ समय रहते अभिनय से किनारा कर लिया अपने जीवन के अंतिम समय उन्होंने अपने छोटे बेटे अभिनेता मोण्टी के साथ गुजारे । उन्होने विवाहोपरांत भी कई वर्षों तक फिल्मों में काम किया। उस समय शादी के बाद फिल्मों में काम करना कुछ ठीक नहीं समझा जाता था। उन्होंने अपने कैरियर को एक सही दिशा विवाहोपरांत ही दी। 6 दिसम्बर 2001 को मुम्बई, महाराष्ट्र में उनका निधन हो गया। उनका फिल्मों में अप्रतिम योगदान भारतीय फिल्मों में सदा ही याद किया जाता रहेगा। जिन्दगी के बारे में उनकी जो सहजता थी वो इसी बात से लगाई जा सकती है कि उन्होंने फिल्मों से किनारा करने के बाद खुद को अपने प्रशंसको और मीडिया से चार दशकों से भी अधिक समय तक बड़ी ही सहजता से छिपाए रखा।
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